Post Views 11
September 15, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें कोरोना संकट को देखते हुए विशेष कानूनों के तहत महाराष्ट्र की जेलों में बंद कैदियों को अंतरिम जमानत देने की गुहार लगाई गई थी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस बी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने पाटकर की याचिका पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए कहा, वह महाराष्ट्र की उच्चाधिकार प्राप्त समिति को इस संबंध में उचित निर्देश देगी।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने समिति के उस सुझाव पर मुहर लगा दी थी जिसमें एनडीपीएस, यूएपीए, मकोका सहित अन्य विशेष कानूनों के तहत बंद कैदियों को अंतरिम जमानत या पैरोल न देने की बात कही गई थी।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, वह इस मामले में तार्किक आदेश पारित करेगी ताकि हालात के मुताबिक समिति को निर्णय लेने का अधिकार हो। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी को देखते हुए ऐसे कैदियों को अंतरिम पैरोल देने पर विचार करने के लिए कहा था।
© Copyright Horizonhind 2025. All rights reserved