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September 14, 2020
अमृत योजना के 83 करोड़ के ठेके में हुआ 8 करोड रुपए का घोटाला।
जांच समिति ने सही पाए आरोप, तत्कालीन निगम अधिकारियों पर हो कार्यवाही
सोमवार को पूर्व बार अध्यक्ष व कांग्रेस के पीसीसी सचिव रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश टंडन ने एक प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को बताया कि सीवरेज परियोजना के लिए बनाई गई अमृत योजना के 83 करोड़ के ठेके में 8 करोड रुपए का घोटाला हुआ है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा सीवरेज योजना के अंतर्गत जो लाइन डालने का काम हुआ वह पूरी निष्ठा के साथ नहीं किया गया। कई इलाकों में तो लाइन डाली ही नहीं गई जबकि पेपर में लाइन डालना दिखाया गया। उन्होंने बताया की दरगाह और गड्डी मालियान जैसे इलाकों में 5 किलोमीटर तक कि सीवरेज लाइन डालनी थी लेकिन सिर्फ 80 मीटर ही लाइन डाली गई ।जिसे पथरीली और मिट्टी वाली जगह बता कर छोड़ दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और संभागीय आयुक्त से की थी। इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें लेखा अधिकारी सीपी शर्मा कोषाधिकारी नेहा शर्मा और अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सत्तार खान के साथ ही पीडब्ल्यूडी के एडिशनल चीफ इंजीनियर पी एल बेरवा को शामिल किया गया। जिन्होंने निष्पक्ष जांच के बाद पाया कि 8 करोड रुपए का अतिरिक्त भुगतान निगम के तत्कालीन आयुक्त द्वारा ठेकेदार को किया गया है। उन्होंने बताया कि उस वक्त आयुक्त पद पर हिमांशु गुप्ता और चिन्मयी गोपाल थे इसलिए इनके खिलाफ एसीबी में केस दर्ज किया जाए और दोनों अधिकारियों के वेतन से इस घोटाले की राशि को वसूल किया जाए। वही टंडन ने आरोप लगाया है कि सीएमओ में बैठे एक उच्च अधिकारी द्वारा इन अधिकारियों को बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। जबकि जांच कमेटी ने अपनी निष्पक्ष जांच मुख्यमंत्री और सम्भागीय आयुक्त को सौंप दी है। लिहाजा इनके विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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