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September 14, 2020
सरकारी बंगले काे लेकर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से चर्चा शुरू हाे गई है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा के सरकारी बंगले खाली करने की मियाद 14 सितंबर को पूरी हो रही है। इसके बाद नियमानुसार उन्हें बंगला खाली नहीं करने तक 10 हजार रुपए प्रतिदिन का जुर्माना देना पड़ेगा।
ये तीनों अब सिर्फ विधायक हैं और विधानसभा के विधायक आवासों में ही रह सकते हैं। तीनों को 14 जुलाई को बर्खास्त किया गया था। नियमानुसार अब वे सामान्य प्रशासन विभाग के बंगलों में नहीं रह सकते क्योंकि ये बंगले सिर्फ मंत्रियों के लिए ही आवंटित किए जाते हैं।
इनमें सचिन पायलट व विश्वेंद्र सिंह के बंगले सिविल लाइंस में व रमेश मीणा का बंगला गांधी नगर में है। हालांकि राज्य सरकार ने ऐसे ही मामले में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को राहत देने के लिए उनके बंगले समेत चार बंगलों को सामान्य प्रशासन विभाग से विधानसभा के पूल में डाल दिया।
विधानसभा पूल से ये बंगले उन नेताओं को आवंटित हो सकेंगे जो पूर्व सीएम, केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे या राज्य मंत्री और तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे या फिर राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और दो बार विधानसभा सदस्य रहे या फिर दो बार सांसद रहे। राजस्थान हाईकोर्ट ने 2019 में पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली करवाने का आदेश दिया था। इसमें वसुंधरा राजे का सरकारी बंगला भी शामिल था। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने बंगला खाली नहीं करवाया।
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