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September 10, 2020
उपप्रधानाचार्या पद का विरोध, वेतन कटौती गलत
व्याख्याताओं की समस्याओं पर हुई चर्चा
ब्यावर,(हेमन्त साहू)। राजस्थान शिक्षा प्राध्यापक संघ रेसल की प्रांतीय बैठक जयपुर में आयोजित हुई। बैठक में अजमेर जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह चौहान सहित प्रदेशभर के व्याख्याताओं व सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्रदेशाध्यक्ष मोहन सियाग ने कहा कि उपप्रधानाचार्य का पद की अफवाह मात्र है, विरोधियों द्वारा दुष्प्रचार मात्र है। किसी भी व्याख्याताओं को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी महीने संख्यात्मक अनुपात 80 एवं 20 से फाइल पास हो जाएगी। कुछ माध्यमिक विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होने के कारण डीपीसी में ज्यादा व्याख्याता प्रधानाचार्य बनेंगे। इसी महीने डीपीसी होने वाली है, इसीलिए संगठन द्वारा वेतन कटौती प्रति महीना 2 दिन का फिलहाल विरोध नहीं किया जाएगा। संगठन को बड़ी उपलब्धि मिल रही है, इसलिए कृपया थोड़ा धैर्य रखें नागौर एवं झुंझुनू जिलों के अध्यापकों के स्थानांतरण भी जल्दी होंगे संगठन द्वारा मांग उठा ली गई है। प्रांतीय बैठक में सभी जिलाध्यक्ष, जिलामंत्री और प्रान्तीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इन विषयों पर हुई चर्चा, बनाई आगामी रणनीति:- बैठक में व्याख्याताओं से जुड़ी अनेक समस्याओं पर चर्चा हुई और आगामी रणनीति भी तैयार की गई। प्रमुख रूप से संख्यात्मक अनुपात, वेतन कटौती, रेसला द्वारा कोर्ट में दायर केस की स्थिति, उपप्रधानचार्य पद का विरोध, व्याख्याताओं का वेतन नियमितिकरण, जिला स्थापना समिति से आए व्याख्याताओं का स्थायीकरण, नागौर झुंझुनू के बचे हुए स्थानांतरण, व्याख्याता से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति, 10 जिलों के अंशदान की स्थिति, व्याख्याता से बने प्रधानाचार्यो का रेसला के प्रति रुख व अनेक मुद्दों पर आज गहन चर्चा की गई। बैठक में रेसला प्रदेशाधय्क्ष मोहन सिहाग, कार्यकारी अध्यक्ष भंवरलाल गुर्जर, प्रांतीय कोषाध्यक्ष जयेश पाटीदार, मुख्य सरंक्षक नाहर सिंह, महिला उपाध्यक्ष रेखा भादू, उपसभाध्यक्ष रामूराम जाखड़ तथा रेसा पी के प्रदेशाध्यक्ष डायालाल पाटीदार व सभी जिले के जिलाध्यक्ष व पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त किए।
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