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September 7, 2020
सोमवार से प्रदेश के 171 दिन बाद धार्मिक स्थलों के पट खुल गए हैं। वहीं, कुछ बड़े मंदिरों को मंदिर प्रशासन ने फिलहाल बंद रखने का फैसला किया है। इनमें जयपुर के मोती डूंगरी, झारखंड़ महादेव जैसे मंदिर हैं। गाइडलाइन के मुताबिक, मंदिरों में हैंड सैनिटाइजर करके और थर्मल स्कैनिंग के बाद ही भक्तों को एंट्री दी जाएगी। साथ ही, दर्शन के वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। मंदिरों की घंटियों को छूने पर भी पाबंदी है। भक्तों को अभी भगवान को छूने की भी मनाही है।
जयपुर स्थित चमत्कारेश्वर मंदिर में पहुंचे भक्त।
जयपुर में गोविंद जी मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर में लाखों भक्त आते हैं। इनमें बच्चे, बूढ़े भी होते हैं। जब तक विस्तृत रूप रेखा तैयार नहीं होती तब तक मंदिर प्रशासन के लिए दर्शन करवाना संभव नहीं है। सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसमें यह भी नहीं लिखा कि मंदिर या किसी धार्मिक स्थल पर सेवा करने वाला कोई संक्रमित होता है तो क्वारैंटाइन का नियम किस तरह से लागू होगा।
चमत्कारेश्वर मंदिर में भक्तों को थर्मल स्कैनिंग के बाद मिली एंट्री।
ऐसी रही व्यवस्था
चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के मुख्य गेट पर सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही, यहां पर मुख्य द्वार पर लगे घंटे को बांधकर रखा गया।
झोटवाड़ा रोड पर चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कहा गया। यहां पर भी मुख्य गेट पर सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई है।
खोले के हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने हेतु गोले बनाए गए। इस दौरान मंदिर महंत और प्रबंधक एक बीएम शर्मा भी मौजूद रहे।
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