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September 5, 2020
कोविड संक्रमित हुए 26, बेपरवाह प्रशासन व आमजन
कोरोना महामारी की मार से शहर व ग्रामीण क्षैत्र के हालात बिगड रहें
ब्यावर, (हेमन्त साहू)। कोरोना महामारी की मार से शहर व ग्रामीण क्षैत्र के हालात दिनों दिन बिगडते जा रहे है। लेकिन प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। शुक्रवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से 17 पुरुष और 9 महिलाओ सहित 26 कोरोना संक्रमित मिलने की सुचना प्राप्त हुई है। जिस प्रकार ब्यावर क्षेत्र से मरीजो की संख्या बढ रही है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि संक्रमण हर हिस्से में अपने पाँव फैला चूका है। बीते दिन गुरूवार को प्राप्त हुई रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया कि लापरवाही प्रशासन और आमजन दोनों की है। गुरूवार की एक साथ 20 पुरुष और 12 महिला कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से हर आम आदमी सोचने को मजबूर है कि आखिर करें तो क्या करें। गुरूवार को मिली रिपोर्ट में एक पत्रकार के अलावा 3 चिकित्सक और तहसीलदार स्वयं भी है। इस प्रकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो से मिले संक्रमित मरीजो की संख्या का आंकडा 705 तक पहुंच जाना अत्यंत भयावह है। सवाल उठता है कि जब डॉक्टर खुद पॉजिटिव है तो मरीज की जांच कैसे कर रहे है ? सम्भवतया राजकीय अमृत कोर अस्पताल के आधे से ज्यादा डॉक्टर संक्रमित है। कई डॉक्टर तो खुद अपनी जांच से कतराते है। अपना नाम नही बताने की शर्त पर अस्पताल के ही डॉक्टर ने जानकारी देतु हुए बताया कि अस्पताल के हर डॉक्टर की सेम्पलिंग लेकर आवश्यक रूप से जांच करवाई जाए। कोविड सेंटर में सभी डॉक्टर एक साथ काम कर रहे है, चाय पी रहे,साथ बेठ रहे है फिर उन्ही मे से जिसकी जांच हो वो पॉजिटिव वरना नेगेटिव ? नियमो के तहत कोविड सेंटर में ड्यूटी दे रहे डॉक्टर को 7 दिवसीय ड्यूटी के बाद 7 दिन रेस्ट और उसके बाद कोरोना जांच के बाद पुन: ड्यूटी पर लेने का प्रावधान है। लेकिन इन सभी नियमो को ताक में रखा गया है। कुछ दिनों पूर्व ही समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई थी कि संक्रमित मिले उसी घर का मालिक ड्यूटी पर जा रहा है। घरवाले खुले आम बाजार में घूम रहे है। ट्रेनिंग में आई नर्सिंग स्टाफ की लडकिया संक्रमित होने के बावजूद अस्पताल जा रही है। आखिर यह सब क्या हो रहा है? आखिर सरकार की मंशा क्या है ? शहर में गिने चुने लोग ही मास्क पहन रहे व सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे है। लेकिन बाकी के लोगो की लापरवाही का खामियाजा तो सभी को भुगतना पड रहा है। केवल कोरोना योद्धाओं के सम्मान करने या फोटो खिंचवाने से काम नही होनेवाला। जब तक सभी मिलकर एक साथ कोरोना के खिलाफ जंग नही लडेंगे सफलता प्राप्त करनी तो दूर की बात रही खुद ही इस महामारी का शिकार हो जाएंगे।
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