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December 30, 2017
पुष्कर के रमा वैकुंठ (नये रंगजी) मंदिर में शुक्रवार को वैकुंठ एकादशी के साथ दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव शुरू हुआ। महोत्सव के पहले दिन मंदिर में पिछले एक साल से बंद वैकुंठ द्वार के कपाट खोले गए। वैकुंठ (स्वर्ग)लोक की प्राप्ति की चाह में मंदिर के इस वैकुंठ द्वार से बाहर निकलने के लिए श्रद्धालु उमड़ते रहे। करीब एक घंटे तक द्वार से बाहर निकलने तथा भगवान के दर्शन कर मंदिर की परिक्रमा लगाने के लिए धर्मप्रेमियों का तांता लगा रहा। ऐसी मान्यता है कि वैकुंठ एकादशी के दिन मंदिर के वैकुंठ द्वार से निकल कर वैकुंठ भगवान के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है।
मंदिर व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति मंदिर में आयोजित 10 दिवसीय वैकुंठ महोत्सव के शुभारंभ पर शुक्रवार की सुबह मंदिर का दुर्लभ वैकुंठ द्वार खोला गया। यह द्वार साल में केवल आज ही के दिन वैकुंठ एकादशी के मौके पर एक घंटे के लिए ही खोला जाता है। इस द्वार से पहले र| आभूषणों से जड़ित भगवान वैकुंठ नाथ की सवारी निकाली गई। इसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने वैकुंठ द्वार से निकल कर मंदिर की परिक्रमा लगाई। इस दौरान वैकुंठ द्वार के बाहर भगवान वैकुंठ नाथ का मंदिर के पुजारी ने शठकोप स्वामी, रामनुज स्वामी, वेदांत देशिकन, परकाल स्वामी समेत अनेक स्वामियों की प्रतिमाओं की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अभिषेक किया। प्रसाद वितरण के बाद वैकुंठ द्वार बंद कर दिए गए। वैकुंठ महोत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम 5 बजे भगवान के विभिन्न स्वरूपों की मंदिर में सवारी निकाली जाएगी अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पुष्कर. नये रंगजी मंदिर में दस दिवसीय वैकुंठ महोत्सव के शुभारंभ पर खोले गए वैकुंठ द्वार से बाहर निकलती भगवान वैकुंठ नाथ की सवारी।
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