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December 25, 2017
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने रविवार को ब्रह्मा मंदिर में 24 करोड़ रुपए की लागत से चल रहे विकास कार्याें का अवलोकन किया। उन्होंने विकास कार्यो के साथ पानी, बिजली एवं पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता जताते हुए इंजीनियरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही इन मुद्दों पर जयपुर में होने वाली मासिक रिव्यू बैठक में संबंधित विभागों तकनीक विशेषज्ञों के साथ मंथन करने का निर्णय किया।
धरोहर संरक्षण के अध्यक्ष लखावत ने ब्रह्मा मंदिर के एंट्री प्लाजा, आध्यात्मिक पार्क, ओपन एयर थियेटर सहित मंदिर विकास परियोजना के तहत चल रहे विभिन्न कार्याें का बारी-बारी से जायजा लिया। उन्हें एक्सइएन राजेश मोदी ने कार्याें की प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान लखावत ने परियोजना पूर्ण होने के बाद उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक्सइएन को मंदिर परिसर में जमा होने वाले बरसाती पानी की निकासी एवं उसके सरंक्षण के लिए विशेषज्ञों से राय लेकर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही लखावत ने मंदिर के विकास के बाद बिजली व्यय को कम करने के लिए सोलर ऊर्जा अथवा अक्षय ऊर्जा की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने विकास कार्यों के साथ-साथ परिसर में उपयुक्त पौधे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने एक्सइएन को कार्य की गति बढ़ाने एवं परिसर में बनी पुरानी जर्जर इमारतों को संरक्षित करने की भी आवश्यकता जताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए लखावत ने बताया कि मंदिर में चल रहे कार्याें की गति बढ़ाने तथा विकास कार्याे में आने वाली अड़चनों को दूर करने के उद्देश्य से औचक निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में बरसाती पानी के सरंक्षण, बिजली व्यय सहित विभिन्न विषय सामने आए है। इन मुद्दों को जयपुर में होने वाली रिव्यू बैठक में रखा जाएगा तथा तकनीकी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर समय रहते इनका निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले एक महीने बाद ब्रह्मा मंदिर में चल रहे विकास कार्य गति पकड़ेगा तथा मंदिर का रूप निखरने लगेगा।
ब्रह्मा मंदिर में विकास कार्यों का अवलोकन करते संरक्षण एवं प्रोन्नति प्रा. के अध्यक्ष लखावत।
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