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January 13, 2020
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में 2017 से 2019 तक 486 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, इनमें 213 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और रोड के घुमावदार होने के कारण हुईं। बस हादसे के बाद भी स्थानीय प्रशासन सतर्क नहीं है। कन्नौज में 13 ब्लैक स्पॉट चिह्नित हैं। इसके बावजूद 100 मीटर के दायरे में कहीं कोई संकेतक बोर्ड नहीं लगाया गया है। कन्नौज बस हादसे में आग लगने से 20 लोगों के जलने की आशंका है।
हालांकि, अब जिला प्रशासन एहतियातन उन जगहों को चिह्नित करने में जुट गया है, जहां सबसे ज्यादा हादसे हुए। छिबरामऊ पुलिस के अनुसार, 2018 में इसी रोड पर 3 बड़े हादसे हुए। 2019 में एक ही केस दर्ज है। इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई। सिर्फ 8 लोग घायल हुए। हाल ही में हुए हादसे में 11 की मौत की पुष्टि हुई और 25 घायल हुए हैं। हर बार हादसों के बाद जागरूकता अभियान चलाया गया।
परिवहन विभाग ने किए हैं चिह्नित
परिवहन विभाग का दावा है कि जिले में हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय बढ़ाए जाएंगे। आरटीओ संजय कुमार झा ने बताया कि विभाग ने जिले में 13 जगहों को ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिह्नित किया है। इन सभी जगहों पर जल्द सांकेतिक बोर्ड लगाए जाएंगे। इसमें रिफ्लेक्टर और लाइट्स लगाई जाएंगी।
एक्सप्रेस-वे, हाईवे पर भी स्पॉट चिह्नित
हाइवे पर मानीमऊ बाजार, मोजचीपुर रेलवे क्रॉसिंग, तिर्वा क्रॉसिंग, अंधा मोड़ सरायमीरा, मकरंदनगर क्रॉसिंग, गोर्वधनी तिराहा, हरदोई मोड़, पश्चिमी बाइपास, मंडी समिति, सिकंदपुर कस्बा, करमुल्ला चौराहा, सराय प्रयाग, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 207 से 210 तक ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। एसपी अमेन्द्र सिंह का कहना है कि छिबरामऊ ब्लैक स्पॉट में दर्ज हैं और वहां पर संकेतक चिह्न भी है।
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