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November 7, 2019
पुष्कर मेले में 14 करोड़ के भैंसे को देखने पहुंचे लोग दूर-दूर से भीमकाय भैंसे को देखने पहुंचे लोग
राजस्थान के पुष्कर अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजाति के करीब 5 हजार से अधिक पशु पहुंचे हैं, इनमें में मुर्रा नस्ल का भैंसा भीम भी है
इस भैंसे के रखरखाव और खुराक पर प्रतिमाह करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च आता है
रोज की खुराक- एक किलो घी, आधा किलो मक्खन, दो सौ ग्राम शहद, 25 लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम है
ष्कर. राजस्थान के पुष्कर अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजाति के करीब पांच हजार से अधिक पशु पहुंचे हैं। इनमें में मुर्रा नस्ल का भैंसा भीम भी है। 14 कराेड़ का यह भैंसा मेले में दूसरी बार प्रदर्शन के लिए लाया गया है। 13 सौ किलो वजनी यह भैंसा साढ़े छह साल का है। भैंसे को उसके मालिक जवाहर लाल जांगिड़, बेटे अरविंद जांगिड़ अन्य सहयोगियों के साथ जोधपुर से लेकर पुष्कर पहुंचे।
मरू भूमि में सजी पशुओं की मंडी में कई ऊंट और अश्व अपनी नस्ल, कद-काठी के कारण मेले में आए देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
भीम के रख-रखाव पर प्रतिमाह डेढ़ लाख का खर्चा
भीमकाय भैंसे के रखरखाव और खुराक पर प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए खर्च हो रहा है। अरविंद ने बताया, भैंसे को प्रतिदिन एक किलो घी, आधा किलो मक्खन, दो सौ ग्राम शहद, 25 लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम आदि खिलाया जाता है।
भैंसे के सीमन की देश में बड़ी डिमांड
मालिक पुत्र अरविंद के मुताबि, वे मेले में भी भैंसे को बेचने के लिए नहीं बल्कि मुर्रा नस्ल के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से केवल प्रदर्शन करने के लिए लाए हैं। पिछले साल पहली बार पुष्कर मेले में भीम को लेकर आए थे। इसके बाद कई मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भी भाग लेकर पुरस्कार जीते हैं। मेले में वे पहली बार इच्छुक पशुपालकों को भीम का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं। मुर्रा नस्ल के इस भैंसे के सीमन की देश में बड़ी मांग है।
एक साल में बढ़ी दो करोड़ कीमत
भीम का वजन एक साल में सौ किलो व कीमती दो करोड़ बढ़ी। पिछले साल पुष्कर मेले में पहली बार जब भीम को लाया गया था तब इसका वजन 12 सौ किलो था और कीमत 12 करोड़ आंकी गई थी। अब इसके विक्रेता भीम के 14 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हैं।
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