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July 11, 2019
जयपुर. नगर निकाय सीटों काे फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना और 2011 की जनगणना के फार्मूले के आधार पर नगर निकाय वार्डों का परिसीमन करने पर हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन सचिव, निदेशक और नगर निगम जयपुर के कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। सभी से 18 जुलाई तक जवाब मांगते हुए कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न 10 जून 2019 की नोटिफिकेशन के तहत हो रहे नगर निकाय वार्डों के परिसीमन की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए?
जस्टिस अशोक कुमार गौड़ ने यह अंतरिम निर्देश बुधवार को कृष्ण कुमार भारद्वाज की याचिका पर दिया। अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि नगर निकायों क वार्ड परिसीमन में नगर पालिका एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। राज्य सरकार ने सीटों का फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना ही केवल फार्मूले के अनुसार ही वार्ड का परिसीमन किया है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 2015 में नगर निकायों के वार्ड चुनाव हो चुके हैं।
सरकार ने 2020 के नगर निकाय चुनाव के लिए भी 2011 की जनगणना का आधार लिया है, जो गलत है। राजस्थान नगर पालिका एक्ट 2009 के प्रावधानों के अनुसार हर निकाय की सीट को अधिसूचित करना जरूरी है। इसके अलावा नगर निकाय चुनावों के लिए भी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी प्रारंभिक स्तर पर मतदाता सूचियों को जांचने और तैयार करने का जिम्मा सौंपा है।
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