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July 7, 2019
जयपुर. हाईकोर्ट प्रशासन ने सीनियर एडवोकेट बनने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अब दस साल की वकालत का अनुभव रखने वाले वकील भी सीनियर एडवोकेट बन सकेंगे। इससे पहले बीस साल या उससे अधिक वकालत का अनुभव रखने वालों को ही वरीयता मिलती थी। हालांकि बीस साल से अधिक वकालत का अनुभव रखने वालों को चयन में अभी भी वरीयता मिलेगी।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सतीश कुमार शर्मा ने एक नोटिफिकेशन जारी कर सीनियर एडवोकेट बनने के संबंध में 2 अप्रैल 2010 और एक फरवरी 2011 के संशोधित नोटिफिकेशन को खत्म कर दिया है। उन्हाेंने नई सीनियर एडवोकेट गाइडलाइन-2019 जारी की है। इसी में यह प्रस्ताव है। लेकिन यदि किसी एडवोकेट के खिलाफ किसी भी बार कौंसिल ने प्रोफेशनल दुराचरण की कार्रवाई की है तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा।
अब सीनियर एडवोकेट बनने के लिए रजिस्ट्रार जनरल के यहां पर बायाेडाटा पेश करना होगा। वे बायोडेटा को कमेटी में रखेंगे और नाम के संबंध में सुझाव मांगे जाएंगे। बाद में सीजे की अध्यक्षता वाली स्थायी कमेटी चयन पर विचार करेगी। बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन चिंरजीलाल सैनी ने कहा कि इस बदलाव से युवा एडवोकेट्स को मौका मिलेगा, चयन में पारदर्शिता आएगी। और वकील जल्द और तय समय में सीनियर एडवोकेट बन सकेंगे।
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