*जीत किसी की भी हो लेकिन अजमेर के अच्छे दिन आना तय है*
नरेश राघानी
इस लोकसभा चुनाव के दौरान चाहे मुद्दे कुछ भी हों , लेकिन अजमेर वासियों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जिनमें से किसी एक को अजमेर के वोटर को चुनना है वह *दोनों ही बहुत अच्छे इंसान* हैं। इस चुनाव के दौरान मैंने *दोनों का पर्सनल इंटरव्यू किया है। तो ईश्वर की असीम अनुकंपा से मुझे दोनों ही प्रत्याशियों के व्यवहार से मुखातिब होने का मौका मिला है।* कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी दोनों ही *व्यक्तिगत तौर पे बहुत सरल* और अच्छे इंसान हैं। रिजु इतने *धनाढ्य होने के बावजूद बहुत सरल* हैं वहीं *भगीरथ चौधरी में भी घमंडी नेताओं जैसी बू नहीं है* ।दोनों ही बहुत सहजता से लोगों से मिल रहे हैं। *रिजु एक व्यावसायिक घराने से हैं और उच्च शिक्षित* है तो *भगीरथ चौधरी भी अनुभवी* और ज़मीनी जुड़ाव वाले इंसान हैं। दोनों के पास अजमेर के लिए अपनी अपनी योजनाएं है। *रिजु अजमेर के दूदू क्षेत्र में टेक्सटाइल उद्योग विकसित कर अजमेर में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाना चाहते हैं ।* और *भागीरथ किशनगढ़ में गुजरात के मोरवी ज़िले की तर्ज पर टाइल्स उद्योग विकसित करना चाहते हैं।* दोनों से ही बात करने पर यह ज्ञात हुआ कि *दोनों प्रत्याशी जल समस्या को लेकर बहुत संवेदनशील हैं।* रिजु ने भीलवाड़ा में जल समस्या के हल किये जाने की तर्ज पर कार्य योजना बना रखी है तो भागीरथ ने *चंबल नदी का पानी वैतरणी नदी से जोड़ कर बीसलपुर तक पहुंचने और वहां से लिफ्ट के माध्यम से अजमेर तक पहुंचाने की योजना बनाई है।* *रिजु युवा चेहरा है* और राजनीति के क्षेत्र में उनका यह पहला चुनाव है जबकि *भागीरथ चौधरी 10 साल तक किशनगढ़ से विधायक* रहे हैं।
हालांकि रिजु झुनझुनवाला और भगीरथ चौधरी के स्वभाव की तुलना करें तो दोनों ही बहुत ज़मीनी है, और *दोनों की ही इच्छाशक्ति अजमेर के विकास हेतु बहुत प्रबल नज़र आती है।* इसे आप ऐसे भी समझ सकते है कि *भले ही ये चुनाव देशभर में राष्ट्रवाद बनाम रोजगार दिखाई देता हो* परंतु अजमेर के दृष्टिकोण से देखें तो *अजमेर का वोटर अपने सांसद के तौर पर जिस किसी को विजयश्री दिलवाएगा वह घाटे में नहीं जाएगा। चाहे जीते कोई भी अजमेर के अच्छे दिन अब आना तय हैं।*