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April 6, 2019
नितिन आर.उपाध्याय . दुनिया भले ही नया साल जनवरी से मनाती है, लेकिन सनातन कालगणना में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नववर्ष की शुरुआत मानी गई है। पुराण कहते हैं कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। मतलब ये दिन मानव सभ्यता के अभ्युदय का दिन है। किसी अन्य नववर्ष से ज्यादा महत्वपूर्ण और मान्य।
गुड़ी पड़वा से जुड़ी विशेष बातें
अक्सर लोगों के मन में सवाल होता है कि पंचांग (हिंदू कैलेंडर) में तो चैत्र महीना होली यानी फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन ही शुरू हो जाता है। इसे चैत्र कृष्ण प्रतिपदा कहा जाता है तो नया साल 15 दिन बाद क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे अलग सोच और मान्यता है, जो भारतीय दर्शन की महानता को दिखाती है।
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