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January 15, 2019
जयपुर (मनोज शर्मा). राजस्थान हाईकोर्ट में 19 नए जजों की नियुक्ति के लिए करीब 4 माह पहले सुप्रीम कोर्ट को सिफारिश भेजी थी, लेकिन मामला अभी तक केंद्र के स्तर पर अटका हुआ है। ऐसे में जजों की कमी से जूझ रहे राजस्थान हाईकोर्ट में पेंडिंग केसों की संख्या 2.84 लाख के पार हो गई है।
आम पक्षकारों को उठाना पड़ रहा खामियाजा
जयपुर बैंच में 1.57 लाख और जोधपुर में 1.27 लाख मामले पेंडिंग हैं। पिछले चार सालों में लंबित मामलों की संख्या करीब 56 हजार बढ़ गई है। जिन 19 नए जजों के नाम केंद्र को भेजे गए थे, उनमें 8 न्यायिक सेवा अधिकारी कोटे और 11 अधिवक्ता कोटे से बताए गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के 50 पद स्वीकृत हैं, लेकिन अभी 25 पद ही भरे हुए हैं। इसका खामियाजा आम पक्षकारों को उठाना पड़ रहा है। कानून मंत्रालय के अनुसार देशभर की हाईकोर्ट में 31 दिसंबर तक लंबित प्रकरणों की संख्या 50 लाख पहुंच गई है। 2015 से चार साल में लंबित प्रकरणों में 11 लाख से अधिक का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि दिसंबर, 2014 में राज्य हाईकोर्ट में 2.28 लाख प्रकरण लंबित थे।
हाईकोर्ट में जजों के लिए 19 नाम भेजे
राजस्थान हाईकोर्ट में मई, 2017 को जजों की संख्या 39 हो गई थी। इससे मामलों के निस्तारण में भी तेजी देखने को मिली। लेकिन, 19 महीने से भी कम समय में जजों की संख्या घटते-घटते 25 पर आ गई है। इसका असर मुकदमों के निस्तारण पर भी पड़ा। प्रदेश में गत 31 दिसंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार लंबित प्रकरणों की संख्या 2 लाख 84 हजार तक जा पहुंची है।
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