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April 19, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम को लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में दुनिया भर से आए भारतीयों से बात की. इस दौरान उन्होंने कवि और गीतकार प्रसून जोशी के सवालों के जवाब दिए. जानिए, इस दौरान उन्होंने क्या बड़ी बातें कहीं.
PM मोदी की खास बातें
रेलवे स्टेशन मेरी जिंदगी और मेरे संघर्ष का स्वर्णिम पृष्ठ है. रेल की पटरियों और आवाज से बहुत कुछ सीखा है.
आदिशंकर के अद्वैत सिद्धांत को जानता हूं- जहां मैं नहीं तू ही तू है. जहां द्वय नहीं है, वहां द्वंद्व नहीं है. इसलिए मैं अपने भीतर के नरेंद्र मोदी को लेकर जाता हूं तो देश के साथ अन्याय होगा. देश के साथ न्याय के लिए मुझे अपने आप को भुलाना होगा. वट वृक्ष को पनपाने वाला बीज भी आखिरकार खप ही जाता है.
संतोष के भाव से विकास नहीं होता है. मकसद गति देता है नहीं है तो जिंदगी रूक जाती है. बेसब्री तरुणाई की पहचान है और यह आपमें नहीं है तो आप बुजुर्ग हो चुके हैं. बेसब्री ही विकास का बीज बोता है. बेसब्री को मैं बुरा नहीं मानता
आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के मन में उत्साह है. एक कालखंड था कि लोगों के मन में ऐसा विचार था कि अब कुछ होने वाला नहीं. हमने ऐसा माहौल बनाया कि लोग हमसे ज्यादा उम्मीद करने लगे हैं.
पहले अकाल की स्थिति पैदा होती थी तो लोग सरकारी दफ्तर में जाकर कहते थे कि हमारे गांवों में मिट्टी खोदने का काम दीजिएगा ताकि कुछ रोजगार मिले और सड़क भी बन जाए.
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