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December 26, 2017
जन्तुआलय में बरसों तक जोधपुर के लोगों का आकर्षण का केन्द्र रहे बब्बर शेर लव ने मंगलवार तड़के प्राण त्याग दिए। बीस वर्ष का लव कुछ दिन से बीमार था और उसने खाना-पीना छोड़ रखा था। देर रात वह हमेशा के लिए पिंजरे की कैद से मुक्त हो गया।
- सत्रह वर्ष पूर्व साढ़े तीन वर्ष के लव को कोटा से जोधपुर लाया गया था। कोटा जन्तुआलय में जन्मा यह बब्बर शेर कुछ दिन में ही जोधपुर के लोगों में आकर्षण का केन्द्र बन गया।
- उम्मेद उद्यान स्थित जन्तुआलय में बरसों तक लव ने एकाकी जीवन व्यतीत किया। अधिकारी उसके लिए एक अदद शेरनी की तलाश नहीं कर पाए।
- दो वर्ष पूर्व जन्तुआलय को माचिया में शिफ्ट करने के पश्चात लव को भी वहां भेज दिया गया। गत वर्ष उसके लिए एक बीस वर्षीय शेरनी गौरी को यहां लाया गया, लेकिन तब तक लव बहुत बुढ़ा हो चुका था।
कई दिन से बीमार था लव
- माचिया के अधिकारियों का क हना है कि लव कुछ दिन पूर्व बीमार पड़ गया था। बुढ़ापे के कारण उसकी चमड़ी गलना शुरू हो गई थी। साथ ही एक सप्ताह से वह चल भी नहीं पा रहा था। लेटे-लेटे वह कुछ लिक्विड अवश्य चाट लेता।
- इस बीच एक-एक कर उसके विभिन्न अंगों ने जवाब देना शुरू कर दिया। माचिया में उसका इलाज करने वाले डॉ. श्रवणसिंह राठौड़ ने बताया कि हमने उसे बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उसे बचा नहीं पाए।
- जंगलों में रहने वाले शेर अमूमन पंद्रह से सत्रह वर्ष तक जिंदा रहते है, लेकिन जन्तुआलय में अच्छी केयर होने के कारण शेरों की उम्र तीन से पांच साल बढ़ जाती है। लव भी बीस साल और छह माह का था।
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