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December 9, 2017
राज्यपाल व कुलाधिपति कल्याण सिंह जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के 4 दिसंबर को आयोजित दीक्षांत समारोह में नहीं आ सके थे। दीक्षांत समारोह के साथ दो और आयोजन तय थे, उन्हें जेएनवीयू विज्ञान संकाय के संगोष्ठी भवन और इंजीनियरिंग संकाय के दो सभागारों का उद्घाटन भी करना था। जब राज्यपाल नहीं आए तो इन भवनों के उद्घाटन शिलालेख लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन शुक्रवार को खुद राजभवन पहुंच गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब राज्यपाल के नहीं आने पर शिलापट्ट राजभवन ले जाए गए हैं। इससे पहले वर्ष 2015 में भी ऐसा हो चुका है। फर्क इतना ही रहा, कि इस बार जेएनवीयू के अलावा अजमेर और बीकानेर के विश्वविद्यालयों ने भी अपने यहां बने भवनों का उद्घाटन कुलाधिपति व राज्यपाल के हाथों करवाए जाने की औपचारिकता पूरी की।
- कुलाधिपति कल्याण सिंह ने इस अवसर पर कहा, कि स्टूडेंट्स व टीचर्स को निष्ठा के साथ मेहनत करनी चाहिए, साथ ही अनुसंधान के क्षेत्र में प्रयास करें ताकि विश्वविद्यालय काे देश-विदेश में गौरव हासिल हो सके।
- इस अवसर पर जेएनवीयू कुलपति प्रो. आरपी सिंह, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर व महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति डॉ. भागीरथ सिंह ने सभी भवनों की जानकारी दी।
- इस अवसर पर तीनों विश्वविद्यालयों के डीन व प्रोफेसर्स , राज्यपाल के सचिव देबाशीष पृष्टि, विशिष्ट सचिव राजेश कुमार गुप्ता व विशेषाधिकारी डाॅ. अजय शंकर पांडेय अादि मौजूद थे। राज्यपाल के जनसंपर्क अधिकारी डाॅ. लोकेशचंद्र शर्मा ने आभार जताया।
अतिथि का इंतजार नहीं करना पड़ता, समय पर सुविधाएं
ऐसी परंपरा कई राज्यों में है। विवि का सर्वोच्च पद कुलाधिपति (राज्यपाल) है, यदि उनके कर-कमलों से उद्घाटन करवाएं तो कहां गलत है? इस परंपरा से विश्वविद्यालय को अतिथि का इंतजार भी नहीं करना पड़ता और सुविधा भी समय पर शुरू हो जाती है।
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