For News (24x7) : 9829070307
RNI NO : RAJBIL/2013/50688
Visitors - 95559025
Horizon Hind facebook Horizon Hind Twitter Horizon Hind Youtube Horizon Hind Instagram Horizon Hind Linkedin
Breaking News
Ajmer Breaking News: अजमेर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी के नॉमिनेशन भरने के उपलक्ष में टोरंटो गार्डन ,9 नंबर पेट्रोल पंप के पास 29 मार्च 2024 शुक्रवार को प्रात 10:00 बजे कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की आम सभा का आयोजन किया जाएगा |  Ajmer Breaking News: मंदिरों की नगरी पुष्कर के दक्षिण शैली के प्राचीन मंदिर श्री रमा वैकुण्ठ दिव्य देश नया रंगजी मंदिर का सालाना ब्रह्मोत्सव हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा हे |  Ajmer Breaking News: सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय अजमेर में कार्यरत रहे सहायक कर्मचारी श्री पुरूषोत्तम दास विजयवर्गीय उस्ताद लगभग 40 वर्ष की राजकीय सेवा के पश्चात गुरूवार को सेवानिवृत्त हुए है। |  Ajmer Breaking News: लोकसभा आम चुनाव-2024, दिव्यांगो ने किया मतदान के लिए प्रेरित |  Ajmer Breaking News: लोकसभा आम चुनाव-2024 पहले दिन 16 नाम निर्देशन पत्र हुए वितरित |  Ajmer Breaking News: शहर की बिजली व्यवस्था संभाल रही टीपीएडीएल, अजमेर के सीईओ श्री मनोज साल्वी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी श्री रीतेश निरंजन चीफ कमर्शियल, एचआर हेड श्री नरोत्तम तिवारी के साथ किया रक्तदान शिविर का विधिवत शुभारंभ I |  Ajmer Breaking News: लोकसभा आम चुनाव 2024 के लिए 28 मार्च को जारी हुई अधिसूचना कलेक्ट्रेट के अंदर और बाहर पुलिस ने किया सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त |  Ajmer Breaking News: आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना में चेकिंग अभियान में 02 किलो 365 ग्राम सोना व नगद 172000 रूपये जब्त  |  Ajmer Breaking News: कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर नामांकन भरने के दौरान केवल पांच व्यक्तियों के प्रवेश के लिए रास्ता खुला रहेगा इसके लिए पुलिस ने चैन में ताला नहीं मिलने पर हथकड़ी ही लगा दी। |  Ajmer Breaking News: मित्तल मॉल में पीवीआर के तीन स्क्रीन शो कैंसल होने से दर्शकों ने किया हंगामा | 
madhukarkhin

#मधुकर कहिन: फिल्म पद्मावती के शोर में दब गयी है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस

Post Views 871

November 28, 2017

फिल्म पद्मावती के शोर में दब गयी है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे दिवंगत न्यायाधीश लोया के परिजनों की आवाज़।

नरेश राघानी 

सुप्रसिद्ध सोहरबुदिन एनकाउंटर केस में एक नया खुलासा हुआ है। पिछले वर्षों में यह केस ढेर सारी सुर्खियां बटोर चुका है। जिस में तत्कालीन गुजरात सरकार के गृह मंत्री और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को गृह मंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। 
तत्पश्चात इस केस को निष्पक्षता बनाये रखने की के मंतव्य से महाराष्ट्र कि सीबीआई कोर्ट में स्थांतरित करवा दिया गया और सुनवाई सीबीआई की विशेष अदालत में जस्टिस बृजगोपाल हरिकिशन लोया की कोर्ट में हुई ।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में साफ-साफ ग्रह मंत्रालय गुजरात सरकार, राजस्थान पुलिस के कुछ अफसरों और गुजरात के कुछ आईपीएस अफसरों के तालमेल से इस फर्जी एनकाउंटर के होने का वृतांत पेश किया। जिस पर सुनवाई कई वर्ष तक चलती रही । आपको एक चीज बता देने योग्य है कि सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार अपराधी सोहराबुद्दीन खुद ही गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के दम पर फिरौती वसूलने जैसा जघन्य अपराध अंजाम लाता था । परंतु कुछ समय बाद यह बातें ज्यादा ही जग-जाहिर हो जाने के बाद वह वरदहस्त सौराहबुद्दीन को प्राप्त होना बंद हो गया और गुजरात सरकार पर जब सार्वजनिक रूप से सवाल उठने लगे की गुजरात पुलिस इस तरह का कृत्य न जाने किसकी शह पर कर रही है । तब गृह मंत्रालय और पुलिस अफसरों की मिलीभगत से सोहराबुद्दीन को गिरफ्तार कर राज़ खुलने के डर से रास्ते से हटाने की मंतव्य से एनकाउंटर करके मरवा दिया। उसके साथी तुलसी प्रजापति को भी कुछ समय थोड़ी रियायत देकर सरकारी गवाह बना लिया गया तत्पश्चात सबूत मिटाने के लिहाज से पुनः किसी और केस में उठाकर उसका भी एनकाउंटर कर दिया गया
कुछ समय बाद महाराष्ट्र की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। उनकी मृत्यु के एक महीने के अंतराल में ही कोर्ट में नए न्यायाधीश की नियुक्ति हुई और अमित शाह को सीबीआई कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी।

दो दिन पहले नई दिल्ली प्रेस की कारवान मैगजीन ने एक खुलासा किया जिसके अनुसार लोया के परिजनों ने अपने दिए गए इंटरव्यू में तत्कालीन मुम्बई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस। मोहित शाह पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।जस्टिस लोया की बहन ने यह बताया कि उनके दिवांगत भाई को मृत्यु से कुछ दिन पहले 1000 करोड़ रुपए की रिश्वत और मुंबई में मकान का प्रलोभन मोहित शाह द्वारा दिया गया था जिसके फलस्वरूप उन पर अमित शाह को क्लीनचिट देने हेतु दबाव डाला गया । जस्टिस लोया के ना करने पर उन पर दबाव भी बनाया गया जिसके चलते जस्टिस लोया तनाव में रहने लगे थे। यह बात लोया ने अपने मरने से 15 दिन पहले अपने परिजनों से कही थी।
जब लोया को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हुई तो वह अन्य दो सहयोगी जजों के साथ रवि भवन पर रुके हुए थे ।यह खबर और लोया का मोबाइल सुबह एक RSS के नेता ने ही उन्हें ला कर दिया जो कि फॉर्मेट हो चुका था ।ताकि बातचीत की कोई भी जानकारी न मिल सके ।
30 दिन के अंदर ही अमित शाह को जब क्लीन चिट दी गयी ,उस समय देश का मीडिया सिर्फ नीचे पट्टी चलाकर इतिश्री कर रहा था। क्योंकि देश का पूरा ध्यान महेंद्र सिंह धोनी की परफॉर्मेंस और क्रिकेट पर था। कुछ ऐसा ही माहौल आज भी है जहां सारे चैनल सिर्फ पद्मावती फिल्म का विवाद डिस्कस कर रहे हैं, वहीं पर एक दिवंगत ईमानदार न्यायाधीश के परिवार के द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों को मीडिया तवज्जो नहीं दिखा पा रहा। अब क्या इसे इस देश की बदकिस्मती कहें या उस ईमानदार जज के परिवार की ? क्योंकि जब भी सत्तारूढ़ लोगों से जुड़े मुकदमों पर कोई बड़ा खुलासा होता है तो अचानक ऐसी कोई और बड़ी घटना घटित हो जाती है कि सारा मीडिया तंत्र बस वही दिखाने लगता है ।
एक न्यायिक आदेश पारित कर इस मामले की सुनवाई शुरू से लेकर अंत तक एक ही न्यायाधीश से करवाने की बात भी सामने आती है जिसकी पालना नहीं कि गयी । और लोया के समक्ष सुनवाई होने से उनकी ईमानदारी इस केस से जुड़े लोगों को राहत पहुचाने में सबसे बड़ी बाधक थी।
जिसके तहत लोया का जिंदा रहना अमित शाह को कभी भी क्लीन चिट नहीं दिलवा सकता था ।
अब सत्य चाहे कुछ भी हो परंतु एक इमानदार न्यायाधीश की मृत्यु की निष्पक्ष जांच करवाना उस दिवांगत आत्मा का हक़ है । परंतु यहां ऐसा इसलिए नहीं होता नजर आ रहा क्योंकि सारे देश का मीडिया पद्मावती फ़िल्म की खबरों के ज्वार से दबा हुआ है परंतु एक इमानदार न्यायिक अधिकारी के परिवार की पीड़ा सुनने का और लोगों तक पहुंचाने का आज की मीडिया के पास टाइम नहीं है।


© Copyright Horizonhind 2024. All rights reserved