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November 19, 2017
कानों में ईयरफोन लगे होने के कारण शनिवार को एक युवक की जान चली गई। कोलायत निवासी 23 साल का अजय वाल्मीकि रेल की पटरियों पर चलते हुए अपने घर जा रहा था। उसके दोनों कानों में ईयरफोन लगा था, जिस पर वह गाने सुन रहा था। संभवतया मोबाइल का वोल्युम फुल था, जिसकी वजह से उसे पीछे आ रही ट्रेन की सीटी तक सुनाई नहीं पड़ी। रेलवे के गेट मैन सहित वहां मौजूद लोगों ने उसे देखा तो जोर-जोर से अावाजें लगाई। ट्रेन के ड्राइवर ने भी उसे देख लिया था। उसने ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोकने का प्रयास किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ट्रेन अजय के चिथड़े उड़ाती हुई निकल गई। उधर, लूणकरणसर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से गिरने पर एक युवक के दोनों पैर कट गए।
कोलायत: शनिवार दोपहर 12.30 बजे अजय वाल्मीकि (23) एक नर्सिंग होम से काम करके खाना खाने के लिए अपने घर जा रहा था। ट्रेन के नीचे आने के कारण उसका सिर धड़ से अलग होकर पहियों में फंस गया और 100 फीट तक रगड़ता रहा। गाड़ी रुकी तो ग्रामीण व पुलिस मौके पर पहुंचे। शव का पोस्टमार्टम करवा पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया।
लूणकरणसर: बीकानेर के पुलिस लाइन निवासी अजय कुमार माली अपने परिवार के साथ संगरिया जा रहा था। लूणकरणसर रेलवे स्टेशन पर वह पानी लेने के लिए उतरा। अचानक गाड़ी चलने लगी तो वह भागकर चलती गाड़ी में चढ़ने लगा। अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गाड़ी के नीचे आ गया। उसके दोनों पैर कट गए। ग्रामीणों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे बीकानेर पीबीएम हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
संवेदनहीनता की पराकाष्ठा, ढाई घंटे पटरियों पर पड़ा रहा शव
मालगाड़ी के नीचे आने से मृत युवक का शव ढाई घंटे तक पटरियों पर ही पड़ा रहा। सैकड़ों लोगों की उपस्थिति के बीच कोलायत थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जीआरपी का क्षेत्र होने के कारण थाना पुलिस ने शव को हाथ नहीं लगाया। ढाई घंटे बाद जीआरपी पुलिस पहुंची तो शव को पटरियों से हटाया गया।
मैंने पत्थर फेंका, लोगों ने भी आवाज लगाई
मैं गेट पर ड्यूटी दे रहा था। उसी दौरान एक युवक को कानों में ईयर फोन लगाए पटरियों पर चलते हुए देखा। उसके पीछे से मालगाड़ी आ रही थी। गाड़ी उसके काफी नजदीक आ चुकी थी, मैं चिल्लाया तो वहां मौजूद अन्य लोगों ने भी आवाज लगाई। वह पटरियों पर नीचे देखते हुए कानों में ईयर फोन लगाए हुए चल रहा था। हमने पत्थर भी फेंके, लेकिन उसे न तो पत्थर लगा और ना ही लोगों का शाेर सुनाई दिया। उसने गर्दन उठाई ही नहीं। हमारी आंखों के सामने मालगाड़ी उसके चिथड़े उड़ाती निकल गई।
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