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November 17, 2017
झुंझुनूं के देरवाला में बायो वेस्ट और सॉलिड वेस्ट के ट्रीटमेंट प्लांट का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया. जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में 26 गांवों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
सबसे पहले देरवाला में गोगामेड़ी पर सभी 26 गांवों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. बैठक में जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा ने कहा कि वे ग्रामीणों के साथ है. वे ट्रीटमेंट प्लांट के खिलाफ नहीं है, लेकिन स्थान तय करने से पहले ग्रामीणों की राय, पंचायत की एनओसी और अन्य चर्चा की जानी थी, लेकिन ऐसा करने की बजाय प्रशासन राठौड़ी में प्लांट लगाना चाहता है. वो भी तब, जब पहले से जिले में एक प्लांट सरकारी की मंजूरी से बना हुआ है और बंद पड़ा है.
उन्होंने कहा कि सीकर और चूरू को तो सरकार मेडिकल कॉलेज देती है और झुंझुनूं के हिस्से आता है कचरे के निस्तारण का प्लांट, जो कतई मंजूर नहीं है. इसके बाद सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण सुंडा और देरवाला सरपंच रेखादेवी के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पहुंचे. हाथों में जेली, लाठी और अन्य सामान लेकर पहुंचे ग्रामीणों को देखकर एक बार प्रशासन और पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए.
ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलने के कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गेट बंद कर दिए. जिसके बाद एसडीएम अलका विश्नोई ने ग्रामीणों से निवेदन किया कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिले, लेकिन सभी ग्रामीणों ने एक साथ मिलने की मांग की और करीब पांच घंटे कलेक्ट्रेट के बंद गेट के सामने बैठे रहे. इसके बाद एडीएम एमआर बागड़िया आए और उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर उनका मांग पत्र लिया और आश्वासन दिया जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त किया.
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