Post Views 951
May 16, 2019
जे एल एन अस्पताल में एक विकलांग को इलाज के लिए भटकाया जा रहा है इधर उधर | आज पंहुचा अपनी पीड़ा लेकर कलेक्ट्री |
सिटी रिपोर्ट |
अजमेर का सरकारी अस्पताल सिर्फ दीकहाने के लिए ही अस्पताल बन कर रहा गया है। क्यों की अब इसमें इलाज के लिए मरीजों को इधर से उधर भटकाया जाता है या फिर उनका इलाज के नाम पर लीपा पोती कर के मरीजों को भगा दिया जाता है। जी है ऐसा ही हो रहा है अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में। अजमेर का एक विकलांग जिसके पैर में परेशानी है और किसी हादसे में उसके दोनों हाथ कट गए थे जिस कारण वह शहर में भिक्षा मांग कर अपना गुजरा कर रहा है। भेरूलाल मीणा सवाईमाधोपुर से पिछले 8 महीने से अजमेर रह रहा है और उसके निजी अंग और पैर में काफी परेशानी हो रही है जिस कारन वह अजमेर के जेएलएन अस्पताल गया जहा डॉक्टरों ने उसका सिर्फ एक xray कर के भगा दिया और कहा की कल आना मगर उसके बाद भी उसका इलाज नहीं हो सका। भेरू सिंह इलाज न मिलने के बाद जिला कलेक्ट्रेट पर पंहुचा जहा एसडीएम से मदद मांगे के लिए मिला मगर एसडी एम् के जवाब सुन कर भेरू लाल हैरान हो गया। भेरू लाल ने बताया की एसडीएम् ने उससे खा की में क्या मदद कर सकता हु अगर तुझे कुछ पैसे चाहिए तो लेले भेरू सिंह ने कहा की साहब दे दी जिए जिस के बाद एसडीएम ने भेरू सिंह को 100 का नोट दे क्र रवाना कर दिया। भेरू सिंह ने बताया की उस जैसे लोगो के साथ अगर सरकारी अधिरि व् डॉक्टर इस तरह का व्यवहार करेंगे तो वो लोग कहा जायेंगे। भेरू सिंह आज फिर परेशान होकर जिला कलेक्टर इ मिलने पाहकः मगर उसकी किस्मत आज भी ख़राब थी की जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा कलेक्ट्रेट में आज किसी काम के चलते नहीं आये थे। मगर विचारणीय बात यह है की एक विकलांग इलाज के लिए किस तरह से इधर से उधर भटक रहा है और सर्कार चिकत्सा को लेकर इतनी बड़ी बड़ी बाटे कर रही है और आश्चर्य की बात ये है की एसडीएम ने भी मद्दद के नाम पर सिर्फ यह कहा दिया की में क्या मदद कर सकता हु और 100 रूपये दे कर रवाना कर दिया। क्या अब परेशान और लचर मरीज इलाज के लिए इधर से उधर ही भटकेंगे या फिर कोई उनकी सुनने वाला आएगा।
© Copyright Horizonhind 2024. All rights reserved